कभी लफ्ज़ भूल जाऊं

SHARE

कभी लफ्ज़ भूल जाऊं, कभी बात भूल जाऊं
तूझे इस क़द्र चाहूँ के अपनी ज़ात भूल जाऊं
उठ के तेरे पास से जो में चल दूँ
जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं

This is a great तेरे आंसू शायरी. If you like तेरे ख्वाब शायरी then you will love this. Many people like it for अपनी पहचान शायरी. Share it to spread the love.

SHARE