वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया हैबहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया हैउतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने सेतुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है
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