हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है

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हुस्न पर जब भी मस्ती छाती है
तब शायरी पर बहार आती है
पीके महबूब के बदन की शराब
जिंदगी झूम-झूम जाती है

This is a great हुस्न तारीफ शायरी. If you like मस्ती की शायरी then you will love this. Many people like it for रेख्ता हुस्न शायरी. Share it to spread the love.

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