न हम कुछ कह पाते हैं

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न हम कुछ कह पाते हैं, न वो कुछ कह पाते हैं
एक दूसरे को देखकर गुजर जाया करते हैं
कब तक चलता रहेगा ये सिलसिला
ये सोचकर दिन गुजर जाया करते हैं

This is a great सिलसिला शायरी.

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