तुम्हारी मस्त नज़र

SHARE

तुम्हारी मस्त नज़र..
तुम्हारी मस्त नज़र अगर इधर नहीं होती
नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती
तुम्हीं को देखने की दिल में आरजूए हैं
तुम्हारे आगे ही और ऊंची नज़र नही होती
ख़फ़ा न होना अगर बढ़ के थाम लूं दामन
ये दिल फ़रेब ख़ता जान कर नहीं होती
तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है
फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती

This is a great नज़र अंदाज़ शायरी. If you like तुम्हारी खूबसूरती शायरी then you will love this. Many people like it for तिरछी नज़र शायरी.

SHARE