आज फिर दिल ने कहा

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आज फिर दिल ने कहा..
​आज फिर दिल ने कहा आओ भुला दे यादें
जिंदगी बीत गई और वही यादे-यादें
जिस तरह आज ही बिछड़े हो बिछड़ने वाले
जेसे एक उम्र के दुःख याद दिला दे यादें
काश मुमकिन हो कि इक कागजी कश्ती की तरह
खुद फरामोशी के दरिया में बहा दे यादें
वो भी रुत आये कि ए-जुद-फरामोश मेरे
फूल पते तेरी यादों में बिछा दे यादें
भूल जाना भी तो इक तरह की नेअमत है'फ़राज'
वरना इंसान को पागल न बना दे यादें

This is a great अच्छा इंसान शायरी. If you like तेरी आँखे शायरी then you will love this. Many people like it for इंसान पर शायरी.

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