​​​दिल में अब यूँ

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​​​दिल में अब यूँ..
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दिल में अब यूँ तेरे भूले हुए ग़म आते है;​
जैसे बिछड़े हुए काबे में सनम आते है;


रक़्स-ए-मय तेज़ करो, साज़ की लय तेज़ करो​;
सू-ए-मैख़ाना सफ़ीरान-ए-हरम आते है;​
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और कुछ देर न गुज़रे शब-ए-फ़ुर्क़त से कहो​;​
दिल भी कम दुखता है वो याद भी कम आते है;

इक इक कर के हुये जाते हैं तारे रौशन​;​
मेरी मन्ज़िल की तरफ़ तेरे क़दम आते है​;
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कुछ हमीं को नहीं एहसान उठाने का दिमाग​;​
वो तो जब आते हैं माइल-ब-करम आते है​

This is a great चाँद तारे शायरी. If you like तेरे आंसू शायरी then you will love this. Many people like it for एहसान की शायरी. Share it to spread the love.

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