ये क्या के सब

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ये क्या के सब..
ये क्या के सब से बयाँ दिल की हालतें करनी
​'फ़राज़​'​ तुझको न ​​आई मुहब्बतें करनी
ये क़ुर्ब क्या है के ​तु​ सामने है और हमें
शुमार अभी से जुदाई की स'अतें करनी
कोई ख़ुदा होके पत्थर जिसे भी हम चाहें
तमाम उम्र उसी की इबादतें करनी
सब अपने अप​ने क़रीने से मुंतज़िर उसके
किसी को शुक्र किसी को शिकायतें करनी
हम अपने दिल से हैं मजबूर और लोगों को
ज़रा सी बात पे बरपा क़यामतें करनी

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