राज़-ए-उल्फत छुपा

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राज़-ए-उल्फत छुपा..
राज़-ए-उल्फत छुपा के देख लिया
दिल बहुत जला के देख लिया
और क्या देखने को बाकी है
आपसे दिल लगा के देख लिया
वो मेरे हो के भी मेरे ना हुए
उनको अपना बना के देख लिया
आज उनकी नज़र में कुछ हमने
सबकी नज़र बचा के देख लिया
आस उस दर से टूटती ही नहीं
जा के देखा, न जा के देख लिया
'फैज़', तक्मील-ए-ग़म भी हो ना सकी
इश्क़ को आज़मा के देख लिया

This is a great नज़र अंदाज़ शायरी. If you like बहुत अच्छी शायरी then you will love this. Many people like it for अपना ख्याल रखना शायरी.

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