हर तमाशाई फक़त साहिल से मंज़र देखता

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हर तमाशाई फक़त साहिल से मंज़र देखता
कौन दरिया को उलटता कौन गौहर देखता
Translation
फक़त : सिर्
गौहर : मोत

This is a great मंज़र भोपाली की शायरी. If you like मंज़र भोपाली शायरी then you will love this. Many people like it for साहिल की शायरी.

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