'बाहुबली' के जिस विलेन की आप भाषा भी नहीं समझ पाए, वो असल ज़िंदगी में ऐसा है

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'बाहुबली' के जिस विलेन की आप भाषा भी नहीं समझ पाए, वो असल ज़िंदगी में ऐसा हैआज ‘बाहुबली-2’ रिलीज हुई है. ‘बाहुबली-1’ के विलेन कालकेय की एक्टिंग को काफ़ी पसंद किया गया था. असल ज़िंदगी में उनका नाम प्रभाकर है. प्रभाकर साउथ की फ़िल्मों में जाना-माना नाम है. बाहुबली, एस.एस.राजामौली की फिल्म है. एस.एस.राजामौली ने ही ‘मगधीरा’ बनाई थी और इसमें भी प्रभाकर ने काम किया था.

प्रभाकर तेलंगाना के महबूबनगर जिले के एक छोटे से गांव कोडंगल के रहने वाले हैं. प्रभाकर कभी फिल्मों में काम नहीं करना चाहते थे. वो बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे. बाहुबली के अलावा साउथ की 40 फिल्मों में काम कर चुके हैं.

उन्होंने विकराबाद में अनंत पद्मनभ कॉलेज से ग्रेजुएशन की है. उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी हाउस वाइफ हैं. उन्होंने अपने बेटे(श्रीराम राजमुली) का नाम बाहुबली के डायरेक्टर राजामौली के नाम पर ही रखा है. प्रभाकर आज जो कुछ भी हैं, उसका श्रेय वो राजामौली को देते हैं.

एक समय ऐसा भी था जब प्रभाकर को बेरोज़गारी झेलनी पड़ी थी. एक ने उन्हें रेलवे में नौकरी दिलाने का वादा किया था. लेकिन 6 साल इंतज़ार करने के बाद भी जब उन्हें वो नौकरी नहीं मिली, तो वो दूसरी नौकरी ढूंढते हुए हैदराबाद आ गए.

प्रभाकर को नौकरी ढूंढते टाइम पता चला कि डायरेक्टर एसएस राजामौली को फिल्म ‘मगधीरा’ के लिए कुछ लोगों की ज़रूरत है. उस फिल्म में उनका सिलेक्शन हो गया. फिर उन्होंने एक्टिंग सीखी. उस टाइम प्रभाकर को हर महीने 10 हजार रुपए स्टाइपेंड मिलते थे. इन्हीं पैसों से प्रभाकर ने अपना सारा कर्ज़ चुकाया.

बाहुबली-2 में तो प्रभाकर नहीं हैं, लेकिन उनकी बाहुबली-1 में उनकी एक्टिंग काफ़ी ज्यादा अच्छी थी.

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