गुरू गोबिंद गोपाल गुर पूरन नारायणहि॥

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गुरू गोबिंद गोपाल गुर पूरन नारायणहि॥
गुरदिआल समरथ गुर गुर नानक पतित उुधारणहि॥

शब्दार्थ:
गुरु ही पूर्ण है, जो सबके दिल में बस रहा है;
वो दयालु है, सर्व व्यापी है और हमारे पापों को क्षमा करने वाला है।
गुरु गोबिंद सिंह जी के गुरपुरब की बधाई!

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