चलो फिर से खुद को जगाते हैं

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चलो फिर से खुद को जगाते हैं;
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं;
याद करें उन शूरवीरों को क़ुरबानी;
जिनके कारण हम इस लोकतंत्र का आनंद उठाते हैं।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

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