प्रोफ़ेसर: ग़ालिब की आरजू थी कि महबूबा की जुल्फों से शराब के क़तरे टपकें और वो उन कतरों को हलक में उतार ले।

SHARE

प्रोफ़ेसर: ग़ालिब की आरजू थी कि महबूबा की जुल्फों से शराब के क़तरे टपकें और वो उन कतरों को हलक में उतार ले।
पप्पू: सर, अगर उन में जुएं होती तो ग़ालिब वो भी हलक में उतार लेते?
प्रोफ़ेसर: ग़ालिब की यह आरजू अपनी महबूबा से थी, तेरी बेबे कोलो नहीं।

This is a very funny शराब पर जोक्स. If you like पप्पू जोक्स हिंदी then you will love this. If you are in a bad mood and looking to laugh then this जोक्स हिंदी में is just for you. Share it to spread the love.

SHARE