एहा संधिआ परवाणु है जितु हरि प्रभु मेरा चिति आवै ॥ हरि सिउ प्रीति ऊपजै माइआ मोहु जलावै ॥ गुर परसादी दुबिधा मरै मनूआ असथिरु संधिआ करे वीचारु ॥ नानक संधिआ करै मनमुखी जीउ न टिकै मरि जमै होइ खुआरु ॥१॥ गुरुपुरब की हार्दिक बधाई!
मन में सींचो हर हर नाम अंदर कीर्तन होर गुण गाम, ऐसी प्रीत करो मन मेरे आठ पहर प्रभ जानो नेहरे, कहो गुरु जी का निर्मल बाग हर चरणी ता का मन लाग, नानक नीच कहे विचार वारिआ ना जावा एक वार, जो तुद भावे साई भली कार तू सदा सलामत निरंकार। गुरुपुरब की हार्दिक बधाई!
मन में सींचो हर हर नाम अंदर कीर्तन होर गुण गाम, ऐसी प्रीत करो मन मेरे आठ पहर प्रभ जानो नेहरे, कहो गुरु जी का निर्मल बाग हर चरणी ता का मन लाग, नानक नीच कहे विचार वारिआ ना जावा एक वार, जो तुद भावे साई भली कार तू सदा सलामत निरंकार । गुरु नानक देव जी के गुरुपुरब की बधाई!
नानक नीच कहे विचार, वारेया ना जावाँ एक वार; जो तुध भावे साईं भली कार, तू सदा सलामत निरंकार। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई!
नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने सरबत दा भला; धन धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी दे आगमन पुरब दी लख लख वधाई!
तुमने सिखाया उंगली पकड़कर चलना; तुमने बताया कैसे गिरने पर है संभलना; तुम्हारी वजह से आज हम पहुंचे इस मुकाम पे; गुरु पूरब बीते प्रभु नाम में। हैप्पी गुरु नानक जयंती!
नानक नीच कहे विचार, वारेया ना जावाँ एक वार; जो तुध भावे साईं भली कार, तू सदा सलामत निरंकार। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की आपको बधाई!
ੴ सतिगुर प्रसादि॥ नमसकारु गुरदेव को सति नामु जिसु मंत्र सुणाइआ। भवजल विचों कढि कै मुकति पदारथि माहि समाइआ। जनम मरण भउ कटिआ संसा रोगु वियोगु मिटाइआ। संसा इहु संसारु है जनम मरन विचि दुखु सवाइआ। जम दंडु सिरौं न उतरै साकति दुरजन जनमु गवाइआ। चरन गहे गुरदेव दे सति सबदु दे मुकति कराइआ। भाउ भगति गुरपुरबि करि नामु दानु इसनानु द्रिड़ाइआ। जेहा बीउ तेहा फलु पाइआ॥१॥ गुरु नानक देव जी प्रकाश पुरब की बधाई!
सलोकु मरदाना १॥ कलि कलवाली कामु मदु मनूआ पीवणहारु ॥ क्रोध कटोरी मोहि भरी पीलावा अहंकारु ॥ मजलस कूड़े लब की पी पी होइ खुआरु ॥ करणी लाहणि सतु गुड़ु सचु सरा करि सारु ॥ गुण मंडे करि सीलु घिउ सरमु मासु आहारु ॥ गुरमुखि पाईऐ नानका खाधै जाहि बिकार ॥१॥ गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई!