कृपया ग्रुप के सभी सदस्यों की संख्या चेक कर लीजिए। कहीं कोई तेज़ बारिश में बह तो नहीं गया? मैसेज आने कम हो गए हैं।
ईश्वर का लाख लाख शुक्र है कि फेसबुक, व्हाट्सएप - चाइनीज़ नहीं है; वर्ना हम सब ऐसे बिछड़ जाते जैसे कुंभ के मेले में निरूपा राय के बच्चे!
व्हाट्सऐप भी मुर्गियों के घोंसलों जैसे ही है! बार-बार खोल के देखना पड़ता है कि किसी ने अंडा तो नहीं दिया!